पवित्र गुफा की 12 किलोमीटर लम्बी यात्रा
बहुत से यात्रियों के लिए थकाने वाली और चढ़ाई भरी है। इस दुर्गम रास्ते
की नीरसता को दूर करने के लिए और दृश्य को सौंदर्यपरक बनाने के लिए
श्राइन बोर्ड ने रास्ते की दोनों ओर की बंजर जमीन को सजावटी पौधों,
झाड़ियों, बेलों आदि को लगाकर, फूलों की क्यारियां बनाकर और कई प्रकार
की वनस्पतियों से खूबसूरत बना दिया है। लगभग 300 कनाल भूमि पर विभिन्न
प्रजातियों की सजावटी बेलों, पौधों और मौसमी फूलों को लगाया गया है
जिससे अब वातावरण में रंगों की प्रचुरता और कांति यात्रियों को तरोताजा
रखती है।
पूरे यात्रा मार्ग पर थोड़ी थोड़ी दूरी के अंतराल पर बड़ी खूबसूरती से
विकसित की गई लगभग 70 के करीब वाटिकाएं हैं। इन 70 वाटिकाओं में से कुछ
में सिर्फ गुलाब के फूल लगे हुए हैं। गुलाब के फूलों के साथ-साथ
ग्लॅडिअस, डहेलिया और गुलदाउदी के फूल भी दृश्य में रंगों और विविधता
में वृद्धि करते हैं। बाणगंगा से भवन तक और भैरों घाटी के रास्ते में
1.5 लाख से अधिक सजावटी पौधे लगाए गए हैं और सौंदर्यकरण की यह प्रक्रिया
निरंतर जारी है। बंजर ज़मीन पर इन खूबसूरत वाटिकाओं के निर्माण से पहले
से आकर्षक त्रिकूट पर्वत के सौंदर्य में वृद्धि हुई है। यात्रा कर रहे
श्रद्धालु अगर थकावट महसूस करते हैं तो उनके आसपास का शुद्ध और सुंदर
वातावरण उन्हें तरोताजा कर देता है क्योंकि यह खूबसूरत वाटिकाएं उनके
मनों को प्रसन्नता और शांति से भर देती हैं और उनकी दुखती आंखों के लिए
औषधि का कार्य करती हैं। |