यात्रा
की व्यवस्था और तीर्थ स्थान का संचालन श्री माता वैष्णो देवी श्राइन
बोर्ड जिसे श्राइन बोर्ड के नाम से भी जाना जाता है, के द्वारा किया
जाता है। बोर्ड का गठन अगस्त 1986 में
J&k Shri Mata Vaishno Devi Shrine Act
के अंतर्गत हुआ था।
इस ।बज का मुख्य उदेश्य श्री माता वैष्णो देवी जी के पवित्र स्थल का
बेहतर ढंग से संचालन और व्यवस्था करने के साथ साथ वहां पर चढ़ाए जाने
वाले चढ़ावे सहित जमीन और इमारतों आदि का भी ध्यान रखना था।
श्राइन बोर्ड के गठन से पूर्व यात्रा की व्यवस्था का अधिकार एक
प्राइवेट ट्रस्ट जिसे धर्मार्थ ट्रस्ट के नाम से जाना जाता है और
स्थानीय लोगों के एक समूह जिसे बारीदार (यह नाम इसलिए दिया गया क्योंकि
वैष्णो देवी के स्थान पर चढ़ने बाला चढ़ावा यह लोग अपनी बारी पर स्वयं
अपने पास रखते थे) कहा जाता है के पास हुआ करता था।
सुविधाओं के आभाव के चलते यहां आधुनिकीकरण अनिवार्य हो गया था। पवित्र स्थल पर किए
जाने वाले अर्पण और भेंटे आदि तो बारीदार रख लेते थे। किराए और अन्य तरीकों से
एकत्रित होने वाला धन ट्रस्ट के पास चला जाता था। जबकि यात्रियों के लिए सुविधाओं
का आभाव था। पूरे भारतवर्ष से श्रद्धा और विश्वास से यात्री जब पवित्र स्थान कटरा
पहंुचते थे तो उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ता था।
।बज के प्रावधानों के अंतर्गत, यात्रा को सुचारू रूप से चलाना और चढ़ावे का अच्छी
तरह से उपयोग करना जैसे अन्य कार्य, श्राइन बोर्ड द्वारा किए जाते हैं जिसमें एक
चेयरमैन और दस सदस्य हैं ।
जम्मू कश्मीर के राज्यपाल इस बोर्ड के मग.विपिबपव बींपतउंद होते हैं। राज्यपाल (पदेन)
नीति निर्माण के लिए नौ सदस्यों के नाम घोषित करते हैं। बोर्ड अपना कार्य चीफ
एग्जीक्यूटिव आफिसर और सहायक अतिरिक्त चीफ एग्जीक्यूटिव आफिसर और अन्य कई एरिया
हैडज़ के द्वारा करता है।
यात्रा की व्यवस्था और तीर्थ स्थान का संचालन श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड
के पास आने के बाद से बोर्ड यात्रियों को अच्छी सुविधाएं प्रदान करने के लिए हर
संभव प्रयास कर रहा है। यह माता रानी के आर्शीवाद और बोर्ड
की कड़ी मेहनत से ही संभव हो पाया है। इस समय श्राइन बोर्ड को एक बड़ी और अच्छी
सुविधएं प्रदान करने वाली संस्था माना जाता है। श्राइन बोर्ड की यह कोशिश है कि माता
वैष्णो देवी की यात्रा यात्रियों के लिए एक सुखद और यादगारी अनुभव रहे। तीर्थ
यात्रियों को बेहतर से बेहतर सुविधाएं प्रदान करने की दिशा में बोर्ड अभी भी
कार्यशील है। |