बाहर निकलने की टन्नल के बिलकुल बाहर
अमृत कुण्ड के थोड़ा परे प्रसाद कांऊटर लगा हुआ है। यहां पर मंदिर के
पुजारी माता के आशीर्वाद के रूप में श्रद्धालुओं को प्रसाद की थैलियां
दे देते हैं। प्रसाद की प्रत्येक थैली में मिश्री के प्रसाद के साथ
पवित्र पिण्डियों के चित्रांकण वाला वरदान स्वरूप सिक्का होता है जिसे
खजाना कहा जाता है। ऐसा विश्वास किया जाता है कि खजाना प्रसाद
सौभाग्य का प्रतीक है और श्रद्धालु इस सौभाग्यशाली प्रतीक सिक्के को
अपनी धन की तिजौरी, घर के मंदिर या अपने घर या दुकान में महत्वपूर्ण
स्थानों में संभाल कर रखते हैं। यह केवल विश्वास ही नहीं बल्कि पक्की
बात है कि यहां भी यह खजाना प्रसाद रखा गया है वहां यह समृद्धि और
सौभाग्य को लाता है।
इसके इलावा और भी आशीर्वाद प्राप्त वस्तुएं हैं-विशेषकर पवित्र
पिण्डियों को सजाने में प्रयुक्त की गई चुन्नियां, चोले आदि। दोनोें
समय की आरती के समय पवित्र पिण्डियों के वस्त्र बदले जाते हैं और जो
वस्त्र एक बार प्रयुक्त हो जाते हैं उन्हें श्रद्धालुओं को आशीर्वाद
स्वरूप सौंप दिया जाता है। ये माता रानी से आशीर्वाद प्राप्त वस्त्र
श्राइन बोर्ड कटरा, अद्धकुआरी, सांझीछत और भवन में संचालित सोविनियर
शॉपस में तत्काल उपलब्ध रहते हैं। माता जी के चित्रांकण वाले सोने एवं
चांदी के सिक्के भी उपलब्ध रहते हैं। अधिक जानकारी के लिए श्राइन
बोर्ड के अधिकारियों से सम्पर्क किया जा सकता है।
भेंट, प्रसाद और अर्पण भी देखें। See also
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