अधिकतर यात्री दर्शनों के लिए आगे बढ़ने से पूर्व स्नान करने को महत्व
देते हैं। पुराने समय में प्रायः तीर्थ यात्री स्नान घाट पर माता के
चरणों से बहते जल में स्नान कर लेते थे। समय बीतने के साथ विशेषकर जब
से श्राइन बोर्ड ने प्रबंध संभाला है, नए स्नान घाट बनाए गए हैं और
बहुत सारे शौचालय और स्नान घर बना दिए गए हैं। पवित्र गुफा से बह कर आने
वाले जल को नालियों के द्वारा इन नए स्नान क्षेत्रों में पहुंचा दिया
गया है ताकि श्रद्धालु तीर्थ यात्री चाहे किसी भी स्नान घाट पर स्नान
करे उसे माता के चरणों से निकल रहे जल में स्नान करने का लाभ मिल सके।
प्राचीन परंपरागत घाटों को भी बढ़ा कर विकसित कर दिया गया है क्योंकि नव
निर्माण के बावजूद अभी भी बहुत सारे तीर्थ यात्री पुराने मूल घाटों पर
ही स्नान करना पसंद करते हैं।
तीर्थ यात्रियों को अपनी सिवाए नकदी और भेंट की चुनी हुई वस्तुओं (भेंट
विभाग में पढ़ें ) के अन्य सभी वस्तुएं निशुल्क क्लाक रूम में जमा करवा
देनी होती हैं । क्योंकि भेंट की चुनिंदा वस्तुएं और नकदी ही पवित्र
गुफा के भीतर ले जाने की अनुमति होती है। साधारण उपयोग की सभी वस्तुएं
जैसे बैल्ट, चमड़े की पट्टी वाली घड़ी, कंघी, पैन, पैन्सिल, पर्स, हैंड
बैग आदि को भीतर ले जाने की मनाही है। यात्रियों की सुविधा के लिए
श्राइन बोर्ड ने भवन परिसर में अनेक स्थानों पर सामान रखने की निशुल्क
सुविधा (क्लाक रूम) का प्रबंध कर रखा है। विशेषकर जूते/बैग आदि रखने के
लिए पंक्ति परिसर में प्रवेश के साथ ही गेट नंबर 1 पर क्लाक रूम
संचालित रहता है। चमड़े का वह सारा सामान और अन्य वह सभी वस्तुएं जिन्हें
पवित्र गुफा में ले जाने की मनाही है इस क्लाक रूम में जमा करवा देनी
चाहिए।
किसी ़भी प्रकार की मिठाई भी गुफा में ले जाने की मनाही है। स्नान घाट
या कहीं और स्नान करने के बाद तीर्थ यात्री गेट नंबर 1 पर पहुंच सकता
है यहां उद्घोषणा द्वारा (और/अथवा डिस्प्ले बोर्ड पर दिखा कर) ग्रुप
नंबर बताया जाता है। ग्रुप नंबर में तीर्थ यात्री को पंक्ति में लग जाने
की इजाजत मिल जाती है। यह पंक्ति अंततः उसे जीवन के उन महानतम क्षणों
तक पहुंचा देती है जहां वह पवित्र गुफा में प्राकृतिक पिण्डियों के रूप
में दिव्य माता जी के दर्शन प्राप्त करता है।
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