भारतीय अध्यात्मिक परंपरा में मानव जीवन के चार पुरुषार्थ माने गए हैं
; धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष। ऐसा विश्वास किया जाता है कि माता रानी की
पवित्र यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को माता रानी इन चारों
पुरुषार्थों का वरदान देती हैं। माता रानी अपने भक्तों की हर मनोकामना
पूरी करती हैं। ऐसा माना जाता है कि माता के दरबार से कोई खाली हाथ नहीं
लौटता। माता वैष्णों देवी जी की यात्रा श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर
देने वाली है। यह यात्रा उन पवित्र स्थानों की यात्रा है यहां पर माता
वैष्णो देवी ने स्वयं रुक कर तपस्या की थी। यह यात्रा पवित्र गुफा में
जा कर समाप्त होती है यहां पर माता रानी ने अपने आप को तीन पवित्र
पिण्डियों के रूप में प्रकट किया हुआ है।
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