श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड आधिकारिक वेबसाइट
परिचय
माता का बुलावा
सबसे अच्छा मौसम श्री माता वैष्णों देवी जी की यात्रा सारा वर्ष चलती रहती है। ग्रीष्म ऋतु के मई, जून और जुलाई के महीने और चैत्र (बसंत) के त्यौहारों का समय और शरद-आश्विन (पतझड़) के नवरात्रों और नववर्ष की छुट्टियों में भारी भीड़ रहती है। इस भीड़ के कारण श्रद्धालुओं को दर्शन करने के लिए 12-20 घण्टे तक प्रतीक्षा करनी पड़ती है। इस लिए सुझाव दिया जाता है कि आरामपूर्ण, शीघ्र और संतोषजनक दर्शनों के लिए भीड़ भरे दिनों में यात्रा से बचना चाहिए। इन दिनों की अपेक्षा मानसून और शीतकाल में यात्रा की योजना बनाना अच्छा रहता है। मानसून के दिनों में पानी के प्रपातों और हरी भरी चारों दिशाओं में प्रकृति अपनी सुंदरता बिखेरे रहती है। दिसंबर और जनवरी के महीनों में बर्फ पड़ती है । इस समय में बहुत छोटे बच्चों और शारीरिक रूप से कमज़ोर लोगों को यात्रा से परहेज करना चाहिए। इस दौरान अन्य लोगों के लिए पवित्र गुफा की यात्रा करना रोमांचक रहता है। शीतकाल में श्री माता वैष्णो देवी जी की वास्तविक गुफा भी खुली रहती है। इस गुफा के रास्ते से माता जी के दर्शन करने का अपना ही विशिष्ट आध्यात्मिक अनुभव होता है। तीर्थ यात्रा की योजना बनाने का पक्का तरीका यह है कि वेबसाइट पर जांच कर लें कि यात्रा का स्वरूप क्या है और प्रतिदिन दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या क्या है। यदि किसी भी काल में प्रतिदिन यात्रियों की संख्या 15000-18000 से कम रहती है तो कोई श्रद्धालु आशा कर सकता है कि यात्रा सुखद, आरामदायक रहेगी और पवित्र पिण्डियों के संतोषजनक दर्शन हो जाएंगे।
शीतकाल में भारी ऊनी कपड़े ले जाना जरूरी होता है। शेष साल भर हल्के ऊनी कपड़ों की जरूरत रहती है। जहां तक कि धूप भरी गर्मियों में भी जबकि आधार कैम्प कटरा गर्म और उमस भरा हो जाता है परंतु भवन का क्षेत्र ठण्डा बना रहता है। यात्रियों को वहां अपने साथ कम्बल ले जाने की जरुरत नहीं है क्योंकि वहां श्राइन बोर्ड के कम्बल भण्डारों पर बड़ी संख्या में कम्बल मुफ्त उपलब्ध हो जाते हैं। यात्रा के लिए कैनवस जूतों की आवश्यकता पड़ती है। फैंसी जूते और फुटवीयर से पैदल रास्ते पर चलना मुश्किल रहता है। इसलिए फ्लैट सोल वाले जूते पहन कर चलने की सलाह दी जाती है। पैदल यात्रा करने वालों को खड़ी चढ़ाई चढ़ने के लिए छड़ी (यानि वाल्किंग स्टिक) साथ रखनी चाहिए। बरसात के दिनों में रेन कोट और छाता साथ रखना चाहिए। जूते, कैमरे, वालि्ंकग स्टिक, टॉर्च, हैंड बैग, छाते और अन्य बहुत सारी चीजें जिनके लिए यात्रियों ने पहले से सोचा नहीं होता, कटरा में सभी प्राईवेट दुकानों पर और पवित्र मंदिर के रास्ते में भी किराए पर मिल जाती हैं। इन वस्तुओं की किराया दर साधारण होती है और मोल तोल हो जाता है। जबकि कई वस्तुओं की क्वालिटी बढ़िया नहीं होती यात्रियों को चाहिए कि इन्हें खरीदने या किराए पर लेने से पहले अच्छी तरह जांच कर लें।