श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड
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पालकियां, पोनी और पिट्ठू

जो लोग ज्यादातर पैदल नहीं चलते या जिन्हें पैदल चलने की आदत नहीं है उनके लिए 12-13 किलोमीटर पैदल चलना बहुत कठिन एवं थकाने वाला होता है। फिर भी बहुत से तीर्थ यात्री सारे रास्ते में पैदल चलने को ही प्राथमिकता देते हैं। यह उनके मन मस्तिष्क को पवित्र गुफा तक पहुंचने से पहले पवित्र करता है। सारे रास्ते की थकान एक तपस्या का काम करती है। इससे श्रद्धालुओं का मन शांत हो जाता है। वे भक्ति भाव से माता की ओर चित लगाकर उनके प्रति कृतज्ञता प्रकट करते हैं।
वातावरण की शुद्धता भी श्रद्धालुओं को प्रभावित करती है और वे एक अद्भुत रहस्यमयी अलौकिक शांति का अनुभव करते हैं। फिर भी बहुत से यात्री जो अधिक वजन होने की बजह से या अन्य कारणों से अधिक पैदल यात्रा नहीं कर सकते, इसके अतिरिक्त बहुत से श्रद्धालुओं को सांस की समस्याएं या अन्य बिमारियां होती हैं या बूढ़े या दिव्यांग होते हैं। इनमें से सभी या कुछ को पौनी या पालकी की जरुरत पड़ सकती है।


बहुत से श्रद्धालु भक्ति एवं विश्वास से माता वैष्णो देवी की पवित्र गुफा तक सारी यात्रा पैदल ही करते हैं और दर्शन करने के बाद बहुत थक जाते हैं जिसके कारण उन्हें वापसी पर घोड़े किराए पर लेने पड़ते हैं। जबकि इसमें कुछ गलत नहीं है, घोड़े पर चढ़ाई की निस्बत उतराई की यात्रा पूरे शरीर को थकाने वाली होती है। इस लिए कोई भी निर्णय लेने से पहले इस बात को भी ध्यान में रखा जाना आवश्यक है।



इन पौनियों या घोड़ों के इलावा सामान बगैरा उठाने के लिए या ऐसे छोटे बच्चे जो घुड़सवारी से डरते हों या इतने छोटे हों कि घुड़सवारी न कर सकते हों आदि को उठाने के लिए या फिर कम वजन के बुजुर्गों को उठाने के लिए पिट्ठुओं की भी जरुरत पड़ती है। 



पोनी, पिट्ठू और पालकी सेवाओं का प्रबंधन स्थानीय नगर पालिका द्वारा किया जाता है। यह सभी पोनी और पालकी मालिक एवं पिट्ठू नगर पालिका के साथ पंजीकृत होते हैं और इनको परिचय पत्र या टोकन नंबर प्रदान किए गए होते हैं। इनके कार्ड हर वर्ष नवीनीकृत होते हैं और नयी मान्यता तिथि वाले नये कार्ड प्रदान किए जाते हैं। कार्ड की मान्यता तिथि समाप्त हो जाने वालेे कार्ड धारक यात्रा मार्ग पर अपनी सेवाएं प्रदान नहीं कर सकते। कई ऐसे अमान्य पिट्ठू हो सकते हैं जो अपना पुराना अमान्य कार्ड दिखा कर यात्रियों को अपनी सेवाएं प्रदान करने के लिए कह सकते हैं। यात्रियों को यह सुझाव दिया जाता है कि वे घोड़ों और पालकी मालिकों एवं पिट्ठुओं को किराए पर लेने से पहले अपनी तसल्ली के लिए उनके कार्ड की भली भांति जांच कर लें । यात्रियों को यह भी सलाह दी जाती है कि वे यात्रा के दौरान उनके कार्ड को अपने पास रखें और तयशुदा लक्ष्य स्थल पर संतोषपूर्वक पहुंच जाने के बाद ही उन्हें उनके कार्ड लौटाएं।
इन सभी सेवाओं की दरें निश्चित हैं। इन दरों से संबधित जानकारी विभिन्न सूचना पट्टों और सहायता केंद्रों पर भी उपलब्ध है। किसी को भी इन तयशुदा दरों से अधिक भुगतान करने से परहेज करना चाहिए। अगर कोई अपनी इच्छा से खाना या जलपान आदि देना चाहे तो दे सकता है परंतु यह जरुरी नहीं है।
किसी भी समस्या के समाधान या जानकारी प्राप्त करने के लिए कोई भी व्यक्ति म्युनिसिपल कमेटी के कांऊटर या श्राइन बोर्ड के कार्यालय पर सम्पर्क कर सकता है।
इस बात का भी विशेष ध्यान रखा जाए कि पालकी, पिट्ठू, घोड़े आदि यात्रा के शुरु में असानी से उपलब्ध हो जाते हैं बनिस्बत यात्रा के बीच में।




 

 
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