श्री
माता वैष्णो जी के पवित्र मंदिर की यात्रा हमारे समय की पवित्रतम तीर्थ
यात्राओं में से एक मानी जाती है। संसार में यह मुंह मांगी मुरादें पूरी
करने वाली माता के रूप में प्रसिद्ध है, जिसका अभिप्राय यह है कि माता
रानी वे सभी इच्छाएं पूरी कर देती है जो इनके बच्चे मन में रख कर इनके
द्वार आते हैं। श्री माता वैष्णो देवी जी तीन चोटियों वाले त्रिकुटा (जिसे
त्रिकूट श्री पुकारा जाता है) नामक पर्वत की तलहटियों में एक पवित्र गुफा
में रहतीं हैं। प्रत्येक वर्ष माता जी के लाखों भक्त इस पवित्र गुफा की
ओर श्रद्धा से खिंचे चले आते हैं। वास्तव में अब पवित्र गुफा की यात्रा
पर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या एक करोड़ से भी अधिक बढ़
गई है। इसका
कारण है भारत के सभी भागों और विदेशों से भी मंदिर में आने वाले
श्रद्धालुओ का माता जी के प्रति
प्रग।ढ़ विश्वास और आस्था, जिसके
कारण यात्री उमड़ते चले आते हैं।
माता जी की पवित्र गुफा समुंद्र तल से 5200 फुट की उंचाई पर स्थित है। यात्रियों को
कटरा के प्रथम पड़ाव से लगभग 12 किलोमीटर की पैदल चढ़ाई
चढ़नी पड़ती है। यात्रा पूर्ण
होने पर श्रद्धालु पवित्र गुफा में देवी माता के दर्शन प्राप्त करते हुए माता रानी
का आर्शीवाद ग्रहण करते हैं। प्राकृतिक रूप से बनी हुई तीन चट्टानें, जिन्हें माता
जी की पिण्डियां कहा जाता है, का दर्शन यहां होता है। गुफा में कोई मूर्ति आदि नहीं है।
माता वैष्णो देवी के दर्शन वर्ष भर दिन-रात खुले रहते हैं ।
वर्ष
1986 से, जब से श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड बनया गया है, मंदिर का प्रबंध
और यात्रा के नियमन का अधिकार बोर्ड को दिया गया है। बोर्ड ने यात्रा को सुखद और
संतोषजनक बनाने के उद्धेश्य से यात्रियों की सुविधा के लिए कई प्रकार के विकास एवं
निर्माण कार्य किए हैं। यात्रियों की सुविधाओं के लिए विकास एवं सुधार के कार्यों
पर चढ़ावे और भेंट से प्राप्त धनराशी को बोर्ड लगातार खर्च कर रहा है। |