नारियल कभी भी न बदलने वाला माता को परंपरागत अर्पण है। यद्धपि समय और
सुरक्षा कारणों से तीर्थ यात्रियों को निश्चित स्थल से आगे नारियल
अर्पण नहीं ले जाने दिया जाता।
प्रमुख प्रतीक्षा हाल में तीर्थ यात्री अपने अपने नारियल मंदिर के
पुजारी के पास निश्चित स्थान पर जमा करवा देते हैं। पुजारी धार्मिक रीति
अनुष्ठान की जिम्मेवारी ले लेते हैं और यात्रियों को टोकन दे दिए जाते
हैं। दर्शन करने के उपरांत यात्री अपने टोकन दिखा कर प्रसाद कांउटर से
अपने नारियल वापिस ले सकते हैं।
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