बाहर निकलने की टन्नल के बिलकुल बाहर बाएं हाथ की
तरफ अमृत कुण्ड है। माता जी के चरणों में बहने वाले जल को नलों के
द्वारा इस कुण्ड में डाला जाता है। माता जी के दर्शनों को आने वाले
यात्री इस पवित्र जल को जिसे चरण अमृत भी कहा जाता है , बोतलों में
भर कर अपने साथ ले जाने को महत्व देते हैं। इस चरणामृत से वह अपने घरों
का शुद्धीकरण करते हैं और कई प्रकार की बिमारियों के इलाज के लिए
प्रयुक्त करते हैं। खाली बोतले और डिब्बे आदि श्राइन बोर्ड द्वारा
संचालित भेंट की दुकानों पर मिल जाते हैं।
|