श्राइन
बोर्ड द्वारा पवित्र मंदिर को अपने अधीन लेने से पहले भवन क्षेत्र पर
अव्यवस्था का आलम था। पूरे परिसर में भद्दे और अव्यवस्थित ढांचे बने
हुए थे जिनमें कुछ दुकानें थीं। घोंड़ो को भी वहीं पर खड़ा किया जाता था
जिससे वहां पर बहुत भीड़ हो जाती थी। जैसा कि भवन परिसर में पवित्रतम
स्थल है और इसीलिए यह गतिविधियों का केंद्र भी है। श्राइन बोर्ड के
अस्तित्व में आने पर बोर्ड ने सबसे पहला कदम इन भद्दे और अव्यवस्थित
ढांचों को भवन परिसर से थोड़ी दूरी पर निर्मित नए और आधुनिक शापिंग
कम्पलैक्स में स्थानांतरित करना था। इसके साथ ही भवन क्षेत्र को चौड़ा
किया गया और टाइलें बिछा दी गई जिससे यह स्थान खुला और आरामदायक बन गया।
पुरानी प्राकृतिक गुफा के साथ साथ एक नई गुफा का निर्माण किया गया ताकि
यात्रियों के दर्शन करने की क्षमता में वृद्धि हो सके। इसके परिणाम
स्वरूप वन-वे सर्किट का निर्माण किया जा सका और अधिक से अधिक क्लियरेंस
कैपेस्टी संभव हो पाई। इस से यात्रियों की संतुष्टि से समझौता किए बगैर
प्रति दिन अधिक से अधिक यात्रियों को दर्शन संभव हो सके और प्रतीक्षा
के समय में भी कमी आई।
पर्याप्त
संख्या में क्लॉक रूम, कंबल भंडार उपलब्ध कराना, नए स्नान घाट का
निर्माण कराना और पुराने स्नान घाट की मुरम्मत कराना, नए आवास गृहों
का निर्माण कराना आदि कई अन्य विकास कार्य थे जिन्हें बोर्ड ने अपने
अस्तित्व में आने के शुरूआती वर्षों में किया। बाद में भवन परिसर में
कई स्थानों पर टेलीविजन सेटस् लगाए गए थे अब इनका प्रयोग पवित्र गुफा
में होने वाली अटका आरती के साथ-साथ पवित्र पिण्डियों के दर्शनों के
सीधे प्रसारण के लिए होता है। गुफा के भीतर क्लोज़्ड सर्किट कैमरे
लगाए गए हैं जिससे यात्री दर्शनों के लिए अपनी बारी की प्रतीक्षा के
दौरान पवित्र गुफा में होने वाली गतिविधियों को देख सकते हैं।
पवित्रतम स्थलों और अटका आरती में सुधार और पवित्र पिण्डियों का नए
सिरे से शृंगार आदि भवन परिसर में विकास के नए मील पत्थर थे। एक अन्य
आवासीय परिसर जिसे मनोकामना भवन (1,2) कहा जाता है ; के साथ रेस्तरां
और डारमैटरी की सुविधाओं को शुरू किया गया है, इसके साथ ही पार्वती
भवन का निर्माण कार्य प्रगति पथ पर है।
यात्रा
को सुचारू रूप से चलाने के लिए और क्षेत्र में सुरक्षा को मजबूती
प्रदान करने के लिए श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के सिक्युरिटी
विंग के साथ स्थानीय पुलिस और अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है।
इसके साथ ही पवित्र मंदिर और यात्रियों की सुरक्षा को यकीनी बनाने के
लिए ऐक्स-रे सामान निरीक्षण सिस्टम और मैटल डिटैक्टर भी उपलब्ध करवाए
गए हैं।
इस
प्रकार पूरे क्षेत्र का सम्पूर्ण रूपांतरण किया गया। वास्तव में पवित्र गुफा और
यात्रा के प्रबंधन के अधीनीकरण के पीछे मुख्य उद्देश्य चंदे और पवित्र मंदिर की
अन्य आमदनी का उपयोग अच्छे रास्ते के निर्माण, रोशनी के पर्याप्त प्रबंध, पीने के
पानी का प्रबंध, स्वच्छता, पानी की निकासी आदि का प्रबंध करके पवित्र गुफा के
साथ-साथ कटरा से भवन तक के रास्ते को देश के खूबसूरत स्थलों में से एक बनाना था।
जबकि अभी बहुत से विकास कार्य पूरे नहीं हुए हैं और बोर्ड निरंतर विकास कार्यो की
ओर अग्रसर है। |