माता को चढ़ाई जाने वाली परंपरागत वस्तुओं में लाल चुनरी, साड़ियां, चोले,
चांदी या सोने के आभूषण, सूखे मेवे, पुष्प आदि हैं। मिठाइयां, मीठे
भोज्य पदार्थ आदि पवित्र गुफा में ले जाने की मनाही है। तीर्थयात्रियों
को चढ़ावे के लिए इस प्रकार की वस्तुओं को खरीदने से बचना चाहिए। सुरक्षा
कारणों से नारियल ले जाने की भी अनुमति नहीं है, पवित्र गुफा के निकट
कहीं भी नारियल फोड़ने की इजाजत नहीं है, जैसा अन्य मंदिरों में आमतौर
पर किया जाता है। माता के चढ़ावे या भेंट में नारियल का महत्व बहुत अधिक
है इसलिए इसे नकारा भी नहीं जा सकता। श्रद्धालुओं को पवित्र गुफा में
प्रवेश करने से पूर्व प्रमुख प्रतीक्षा हाल में लगाए गए कांऊटर पर
नारियल जमा करवा देना होता है , जिसके बदले में उन्हें टोकन मिलता है ।
जब वह दर्शन करके पवित्र गुफा से बाहर निकलते हैं तो वे अलग से लगे
प्रसाद कांऊटर पर टोकन दे कर नारियल वापिस ले सकते हैं।
भवन में श्री माता वैष्णों देवी श्राइन बोर्ड की बिना लाभ हानि की नीति
पर संचालित भेंटों की दुकानें हैं जहां पर निश्चित मुल्यों पर प्रसाद,
भेंटें और अर्पण आदि उपलब्ध रहते हैं। इसलिए यात्रियों के लिए यह जरूरी
नहीं कि वे कटरा से भेंट खरीदें और फिर भवन तक के सारे रास्ते में साथ
लेकर चलें।
श्रद्धालु अपने बजट के अनुसार नकद या वस्तु रूप में चंदा देकर उचित
रसीद प्राप्त कर सकता है। श्राइन बोर्ड कोई लाभ उठाने वाली संस्था नहीं
है और चंदा आदि से प्राप्त राशि तीर्थ यात्रियों के लिए बेहतर सुविधाएं
प्रदान करने के लिए खर्च करता है। चंदे से प्राप्त धन जन कल्याण के
कार्यो में खर्च किया जाता है।
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